बस मेरा नाम गाँव है। अब मैं गाँव नहीं हूँ। शहर का पिद्दी सा पिछलग्गू हूँ। बस मेरा नाम गाँव है। अब मैं गाँव नहीं हूँ। शहर का पिद्दी सा पिछलग्गू हूँ।
यह सब जान लो आज मातृत्व का सम्मान हूँ तदबीर बदल सकती हूँ। यह सब जान लो आज मातृत्व का सम्मान हूँ तदबीर बदल सकती हूँ।
जिन्दगी में मुझे अब ऐसे शख्स कि तलाश नहीं। जिन्दगी में मुझे अब ऐसे शख्स कि तलाश नहीं।
ये बदलाव की घड़ी है जागो सभी नारी, न दरिंदे चाहिए न ही कोई बलात्कारी। ये बदलाव की घड़ी है जागो सभी नारी, न दरिंदे चाहिए न ही कोई बलात्कारी।
Afraid of expressing ourselves Afraid of expressing ourselves
बाप के कलेजे की राहत माँ की दिलो-जां,चाहत, शौहर के अरमानों की मूरत बच्चों की ढाल,हिफ बाप के कलेजे की राहत माँ की दिलो-जां,चाहत, शौहर के अरमानों की मूरत बच्च...